story
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मन – एक चोर
चारपाई की बांई ओर कमल परेशान सा बैठा है। जाहिर है कि अभी तक उसने नाश्ता नहीं किया। भरत, दुकान पर जाने के लिए तैयार है।अभी तक उसने बाल नहीं बनाये हैं या शायद उनके बीच अचानक से शुरू हुई बात ने किसी और चीज का मौका ही नहीं दिया। “तुम पागल हो, 60 हज़ार के गहने कोई मामूली चीज़ नहीं है। जीवन में ऐसे मौके बार-बार नहीं आते।”भरत कमल के मन में उन गहनों को लेकर लालसा जगाने की कोशिश करता है। “पर वह गहने रोशनी की माँ ने मुझे बड़े विश्वास के साथ दिए हैं ” कमल कहता है। “मैं ऐसे किसी का विश्वास नहीं तोड़ूंगा।” दरअसल रौशनी…